AN UNBIASED VIEW OF रंगीला बाबा का खेल

An Unbiased View of रंगीला बाबा का खेल

An Unbiased View of रंगीला बाबा का खेल

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मैंने वो शपथ नहीं ली है. हमारे साथ अधिवक्ताओं को नहीं भेजा गया. सिर्फ अकेले को बुलाया तीन बजे के बाद. मैं वहां पर गया भी था. अब उन्होंने कारण बताया है कि मैंने शपथ नहीं ली. मुझे रोना आ रहा है लेकिन रोना नहीं चाहता हूं.’

उधर, दक्षिण में मराठों ने दामन खींचना शुरू कर दिया और सल्तनत-ए-तैमूरिया के बखिए उधड़ने शुरू हो more info गए लेकिन सल्तनत के लिए सब से बड़ा ख़तरा पश्चिम से नादिर शाह की शक्ल में शामत-ए-आमाल की तरह नमूदार हुआ और सब कुछ तार-तार कर गया.

मरक़ए दिल्ली में लिखा है, "जिस किसी को उसकी महफ़िल का चस्का लगा उसका घर बर्बाद हुआ और जिस दिमाग़ में उसकी दोस्ती का नशा समाया वो बगुले की तरह चक्कर काटता रहता.

आसपास की सड़कों पर उसकी प्राइवेट आर्मी का कब्जा होता. लेकिन अब बाबा की पोल खुल रही है तो उसके खिलाफ आवाज भी उठने लगी है. दूसरे संत भी बाबा सूरज पाल को लेकर सवाल कर रहे हैं. आश्रम का हर राज बेपर्दा (कानपुर)

दीपा करमाकर ने भारत में जिम्नास्टिक्स को दिलाई थी पहचान, अब नई भूमिका की तलाश

यह भावपूर्ण मंचन न सिर्फ रामकथा की आत्मा को संजोए हुए है, बल्कि इसके साथ नवरस, नवलय, नवताल, नवनृत्य और छंद की प्राचीन विधा भी सुरक्षित-संरक्षित हो रही है. ये एक जरिया भी है, जिससे मयूरभंज छऊ और कलरिपयट्टू जैसी प्राचीन मार्शल आर्ट वाली नृत्य विधाएं लुप्त होने से न सिर्फ बची हैं बल्कि बड़ी आसानी से पीढ़ी दर पीढ़ी समय के नए कर्णधारों को विरासत के तौर पर मिल रही हैं.

ग़रीबों में शरबत, पान और खाना बांटा जा रहा है. फ़कीरों को झोली भर-भर कर रुपए दिए जा रहे हैं.

"अद बेग़म दिल्ली की मशहूर बैग़म हैं जो पायजामा नहीं पहनती, बल्कि अपने बदन के निचले हिस्से पर पायजामों की तरह फूल-पत्तियां बना लेती हैं. ऐसी फूल-पत्तियां बनाती हैं जो बुने हुए रोमन थान में होती हैं.

सोयाबीन के साथ खेल! इस तारीख से खरीदी का ऐलान, फिर भी क्यों परेशान मध्य प्रदेश के किसान

ढाई घंटे हवा में चक्कर लगाकर इमरजेंसी लैंडिंग करने वाले विमान के पायलट और क्रू की इतनी चर्चा क्यों?

स्वामी रामदेव ने कहा कि ऐसी घटनाओं से इस्लाम का प्रचार नहीं होता है. कई दफा घटनाएं हो गई है. मुस्लिम धर्मगुरु ऐसी घटनाओं पर मौन हो जाते है.

नोएल टाटा होंगे टाटा ट्रस्ट के नए चेयरमैन

क्या तुमने दिया है छोटों को ऐसा प्यार? अगर रामकथा देखते -सुनते ये सवाल आपको नहीं झकझोरते हैं तो यकीन मानिए कि आप सनातनी नहीं, धार्मिक नहीं, रामकथा के आदर्श के उपासक नहीं, आप भक्त नहीं, आप असल में भारतीय ही नहीं.

यही नहीं बल्कि उस दौरान पनपने वाले 'दूसरे दर्जे' के शायरों में भी ऐसे नाम शामिल हैं जो उस ज़माने में धुंधला गए लेकिन किसी दूसरे दौर में होते तो चांद बन कर चमकते.

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